यज्ञ करने के फायदे

यज्ञ से खुलते है सौभाग्य के द्वार  :-

हम अपनी सत्य सनातन संस्कृति को अधार माने तो यज्ञ से सम्पूर्ण शुभकामनाये पूर्ण होती है ! सतपथ ब्राम्हण में कहा गया है कि मानव जीवन में जितने भी शुभकर्म किये जाये उनमे यज्ञ सर्वश्रेष्ठ कर्म है ! स्वर्ग की कामना हो, सुख समृद्धि की इच्छा हो, आनंद उत्साह की जरूरत हो, शांति और संतोष की प्राप्ति हेतु यज्ञ ही परम साधन है ! मानव जीवन के सम्पूर्ण अभावो को यज्ञ का पभाव दूर करता है !
         वाल्मीकि रमायण में प्रसंग आता है कि सन्तान के अभाव में राजा दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ हेतु श्रृंग ऋषि को आमंत्रित किया था ! श्रृंग ऋषि ने रजा दशरथ को आश्वस्त करते हुए कहा था -
इष्टि तेअहं करिष्यामि पुत्रियां पुत्रकारणात !
अथर्वशिरसि प्रोक्तैर्मन्त्रै : सिध्दां विधनत : !! (बा. का. 14 /2 )
हे राजन! तुम्हारे यहा संतानोत्पत्ति के लिए अथर्ववेद के मंत्रो द्वारा मै विधि पूर्वक पुत्रेष्टि यज्ञ कराउगा, जिसे मै अच्छी प्रकार जानता हु ! यज्ञ फल तथा ऋषि के आशीर्वाद से राजा दशरथ के घर स्वयं भगवान श्रीराम सहित चार पुत्रो का जन्म हुआ ! स्वर्ग समान अयोध्या नगरी में चहुओर मंगलगान गाए गये ! यज्ञ जितने प्राचीनकाल में उपयोग और कल्याणकारी थे, अधुना उससे ज्यादा प्रासंगिक और लाभकारी है !   
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